टीम इंडिया के दिग्गज ऑलराउंडर क्रिकेटर रविचंद्र अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है

टीम इंडिया के दिग्गज क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गाबा में खेले गए तीसरे टेस्ट के बाद उन्होंने इस बात की घोषणा की।
आर अश्विन ने गाबा टेस्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने संन्यास का ऐलान किया।
अश्विन ने संन्यास को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”बतौर भारतीय क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह मेरा आखिरी दिन है।
अश्विन ने कहा, “मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर के रूप में मुझमें कुछ दम बाकी है, लेकिन मैं इसे शायद क्लब स्तर के क्रिकेट में दिखाना चाहता हूं, लेकिन यह (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में) आखिरी दिन होगा।”
अश्विन को पिछले महीने इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा था और वह आगामी आईपीएल सीजन में चेन्नई से खेलते हुए दिखाई देंगे।
अश्विन ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया में जारी टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में खेला था जो एडिलेड में खेला गया था। इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई घरेलू टेस्ट सीरीज में भी वह टीम इंडिया का हिस्सा थे।
अश्विन का खास तौर से टेस्ट करियर बेहद ही शानदार रहा है। उन्होंने 106 टेस्ट खेलते हुए 537 विकेट हासिल किए। इस दौरान उन्होंने बल्ले से भी कमाल करते हुए 6 शतक और 14 अर्धशतक सहित कुल 3503 रन बनाए। उनका सर्वश्रेष्ठ टेस्ट स्कोर 124 रन रहा है।
बात अगर उनके सीमित ओवर क्रिकेट करियर की करें तो अश्विन ने टीम इंडिया के लिए 116 वनडे में 156 विकेट जबकि 65 T20I में 72 विकेट चटकाए हैं। अश्विन का एक टेस्ट पारी में 59 रन देकर 7 विकेट लेना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है।
अश्विन ने कुल 11 बार टेस्ट में प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब जीता है जो किसी भी खिलाड़ी द्वारा सबसे अधिक है।
अश्विन के नाम किसी भारतीय द्वारा टेस्ट में सबसे ज्यादा फाइव विकेट हॉल लेने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने टेस्ट में कुल 37 फाइव विकेट हॉल लिए हैं, जो कि किसी भारतीय गेंदबाज द्वारा सबसे अधिक हैं। उनके बाद कुंबले का नंबर आता है जिन्होंने टेस्ट में 35 बार पारी में पांच विकेट लिए थे।
अश्विन टेस्ट में क्रिकेट सबसे जल्दी 350 विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज हैं। ये कारनामा उन्होंने सिर्फ 66 टेस्ट मैच में पूरा किया था।
अश्विन 2011 में वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा थे।
2021 में, अश्विन ने 2021 विश्व टी20 के लिए टीम में चुने जाने के बाद भारत की टी20 टीम में आश्चर्यजनक वापसी की। उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन उन्होंने 2022 में अगले टी20 विश्व कप के लिए भी टीम में अपना स्थान बरकरार रखा।
उन्होंने खुद को प्रतिष्ठित ICC टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड के साथ-साथ ICC प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड भी जीता और राहुल द्रविड़ के बाद एक ही साल में दोनों पुरस्कार हासिल करने वाले दूसरे भारतीय बन गए।
रविचंद्रन अश्विन आईपीएल में खेल के छोटे प्रारूप में अपनी शानदार गेंदबाजी से चर्चा में आए, लेकिन 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के बाद से अश्विन ने विकेट लेना अपनी आदत बना ली है उन्होंने खेल के छोटे प्रारूपों में अपना नाम बनाया है, खासकर टी20 क्रिकेट में, जहां उनकी सटीकता और चतुराई ने उन्हें एक भरोसेमंद गेंदबाज बना दिया है। वह हरभजन सिंह और कुछ अन्य की जगह भरने में कामयाब रहे हैं
नागपुर में श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दौरान, वह अपने 54वें टेस्ट में 300 टेस्ट विकेट लेने वाले सबसे तेज गेंदबाज बन गए, उन्होंने डेनिस लिली (56 टेस्ट) को पीछे छोड़ दिया और भारत को पारी और 239 रनों से संयुक्त रूप से
उच्चतम टेस्ट जीत दिलाने में मदद की।
अश्विन ने भारत के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन जारी रखा , खासकर लाल गेंद से। 2016 में, उन्हें ICC का क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया और वे ICC की टेस्ट बॉलिंग रैंकिंग में शीर्ष पर बने रहे। 2015 में लगातार दूसरे क्रिकेट विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के बाद, अश्विन ने सीमित ओवरों के प्रारूप में अपनी प्रभावशीलता में गिरावट देखी। हालाँकि उन्होंने अंततः सफ़ेद गेंद के सेटअप में अपनी जगह खो दी क्योंकि भारत का ध्यान युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के अधिक आक्रामक कलाई-स्पिन पर चला गया, अश्विन टेस्ट टीम का एक अभिन्न अंग बने रहे। इस दौरान कई रिकॉर्ड तोड़ते हुए, अश्विन ने खुद को भारत के स्पिन आक्रमण खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया। मार्च 2022 में, उन्होंने कपिल देव के 434 टेस्ट विकेटों को पीछे छोड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट में भारत के दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बन गए।